भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

द्वेष का उपचार करना चाहता हूँ / बाबा बैद्यनाथ झा

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

द्वेष का उपचार करना चाहता हूँ
आप सबसे प्यार करना चाहता हूँ

बात जो माने नहीं ज़िद्दी बने ग़र
फिर नहीं तकरार करना चाहता हूँ

गौर से सुनता कहाँ है बात मेरी
सत्य का इज़हार करना चाहता हूँ

सोचता ही रह गया हरबार जिसको
काम वह इसबार करना चाहता हूँ

वैर कटुता को भुला दे पूर्ण दुनिया
प्रेम का विस्तार करना चाहता हूँ

दुष्ट कोरोना हटे यह जिस तरह से
रोग का संहार करना चाहता हूँ

सब सुखी हों और हों 'बाबा' निरोगी
वह नया संसार करना चाहता हूँ