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द काल ऑफ लव / रणजीत

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लिख रही हो हार्डी के नोट्स तुम
"कोई नहीं संसार में है
प्यार की आवाज़ को जो अनसुना कर दे"
और मैं हूँ देखता उस हाथ को
नहीं जो काँपता
इस झूठ को लिखते हुए भी।
लग रहा है मुझे:
कहीं मैं पकड़ न बैठूँ हाथ तुम्हारा
रोक न बैठूँ कलम तुम्हारी
और न बैठूँ पूछ कि ज़ालिम
कितनी बार तुम्हीं ने मेरे
प्यार को ठुकरा दिया है
और फिर भी बिना हिचके लिख रही हो
'द काल ऑफ लव इज इररेजिस्टेबल!'