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धनबाद / गुरेश मोहन घोष

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हुनी कहलकै-णनबाद चलोॅ, जे कभैबोॅ-
दोन्हों बाटी लेबोॅ।
खुब्बेॅ कमलियै!
हुनी धन लेलकै हमरा बाद देलकै।