धन धरतिया हे बिहार के / रामनरेश वर्मा
धन धरतिया हे बिहार के धन हे एकर भासा॥
मगही, मैथिली, भोजपुरी मंुडा, उराँव, सथाली
अंगिका, बज्जिका, हो चाहइत हे हिन्दी के हरियाली
बने पुस्ट पी दूध माय के सबके हे अभिलासा॥
धन धरतिया हे बिहार के धन हे एकर भासा॥
राजगीर, पावापुरी, पटना, बोधगया, बैशाली।
गया, नालन्दा, सासाराम, सबके सब गौरवशाली।
तक्षशिला कह रहल पहिलकन सबसे हाल खुलाा।
धन धरतिया हे बिहार के धन हे एकर भासा॥
महावीर, गौतम, गाँधी के कर्मभूमि कहलायन।
सत्य, अहिंसा के संदेसा ईहईं से छितरायल॥
अदऊ से अबतक हे देखल बहुत पलटते पासा।
धन धरतिया हे बिहार के धन हे एकर भासा॥
जनतंतर के बहुत पुराना ईहईं मिलल चिन्हानी
केन्द्र ग्यान के मिले, मिलथ बड़-बड़ योद्धा आउ ग्यानी॥
खान, खनिज, उपज पर एकर, लगल देस के आसा।
धन धरतिया हे बिहार के धन हे एकर भासा॥