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धरम / दुष्यन्त जोशी
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किणी धरम में
नीं लिख्योड़ौ
कै
धरम खातर
लड़-झगड़
अर मर
पण मिनख
धरम खातर
लड़ै-झगड़ै
अर मरै
जीयै क्यूं नीं
धरम खातर ?