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धर्मयुद्ध में अबकी दुर्योधन सें कृष्णो माँत लगै / अमरेन्द्र
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धर्मयुद्ध में अबकी दुर्योधन सें कृष्णो माँत लगै
हेनामें ई पीढ़ी केॅ केना गीता के हाथ लगै
रोय्याँ रोय्याँ झुलसी गेलै की नर के, नैराणो रोॅ
बैशाखोॅ के धिपलोॅ दिन रं हिनकोॅ चैतो रात लगै
देखोॅ की रं समय पहुंचलै होम हाम सें आरती तक
निट्ठा पंडित रोॅ बदला में निट्ठा खूनी हाथ लगै
रुक्खोॅ रुक्खोॅ चेहरा छेलै यही चुनावोॅ रोॅ पहिलें
जीततै हिनकोॅ चेहरो टा केन्होॅ पुरैन रोॅ पात लगै
दुर्वासा रोॅ बात कभी लगतें होतै सब पापी पर
आबेॅ तेॅ पापिये रोॅ बेसी दुर्वासा पर बात लगै
साथ चलैवाला पर आबेॅ की विश्वास भरोसे की
चोरे लुटबैया तीरथ में आबेॅ सबके साथ लगै
हेत्तेॅ धूमधाम सें उठलै साथी के कान्हा पर कि
अमरेन्दर के फगदोलो ई राजा रोॅ बारात लगै
-26.5.92