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धर्म निरपेक्षता / एस. मनोज

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धर्म निरपेक्षता अर्थात सर्वधर्म समभाव
अर्थात राज्य का सभी धर्मों से समान रूप से
लगाव या दुराव
किंतु चुपके-चुपके
राज्य मशीनरी की मदद से
धर्मों में डालना आपसी बिखराव
और दिलों में बढ़ाना
दंगा करवाने का भाव
दंगा हो जाने पर
करना कुछ बीच-बचाव
यही है आज की धर्मनिरपेक्षता
किंतु राज्य मशीनरी और लोगों का
जब हो जाएगा सभी धर्मों से पूर्ण बिलगाव
तभी होगी धर्मनिरपेक्षता।