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धारावाहिक 7 / वाणी वंदना / चेतन दुबे 'अनिल'
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(हिन्दी काव्य का इतिहास - छायावाद)
प्रकृति - पुजारी कवि पन्त के समान कौन,
सूर्यकान्त सम कौन कवि कान्ति वाला है।
कविता के छन्द को ही तोड़ के मरोड दिया,
समता करेगा कौन कवि ही निराला है।
नीर भरी बदरी - सी बरसी सो महादेवी !
शारदे का एक ही प्रसाद अति आला है।
बच्चन की कविता का सामना करेगा कौन,
उनका तो पूरा - पूरा काव्य मधुशाला है।