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धूप के अखबार में / केदारनाथ अग्रवाल
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आदमी नहीं सुनता आदमी की बातें
मगर अंधकार सुनता है उसकी बातें
और प्रकाशित कर देता है
धूप के अख़बार में
रचनाकाल: २९-१०-१९६५