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धूप लड़की / इमरोज़ / हरकीरत हकीर
Kavita Kosh से
इक लड़की है
जो उदासी की छाँव में बैठी भी
फूल बीज लेती
और फूल खिल पड़ते
अक्षर बीजती
तो कविता खिल पड़ती
वह प्यारी सी लड़की
उदासी की छाँव-छाँव चलती भी
अपने आप की धूप जी लेती है