भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

धोती / भोला पंडित प्रणयी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

धोती ख़ादी की हो
या अहमदाबादवाली मिलों की
बारह हाथ की धोतियाँ
सभी पसंद करते हैं
और उसे पहन
अपनी धोती
आसमान में फहराते हैं-
यह भारतीय पोशाक का
प्रतीक जो है ।

लेकिन-
कुछ लोग
धोती पहनना नहीं जानते,
वह उसे घुटनों से ऊपर ही
कमर में लपेटे
अपने व्यक्तित्व को
सिमटा लेते हैं ।

यद्यपि आए दिन
धोती की परिभाषा बदल गई है
तथापि, आज के नेताओं का
धोती-फाड़ प्रदर्शन
तो आप देख ही रहे हैं !