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धोळै दोपारै / सांवर दइया
Kavita Kosh से
धोळै-दोपारै हुवै लाज रा चींथरा
रोवा-कूका बिच्चै
बचावो-बचावो री आवाजां
घर रै खूणा में
बैठिया सुणै लोग
खोलै कोनी आड़ै री आगळ
देखै कोनी खिडकी सूं बारै
धोळै दोपारै !
काळी रात री कांई है कथा
सुणावू किसै मूंडै सूं ?
धोळै दोपारै ई कोनी कहीजै म्हारै सूं
धोळै दोपारै री बात !