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नए अंदाज़ से दाखिल वो हमलावर यहाँ होगा / कांतिमोहन 'सोज़'
Kavita Kosh से
नए अन्दाज़ से दाखिल वो हमलावर यहाँ होगा ।
वो अपने घर में होगा मौत का दफ़्तर यहाँ होगा ।।
छुरों की धार पैनी कर रहे हैं सारे मां-जाए
भला तू देख भी पायेगा जो मंज़र यहाँ होगा ।
मज़ा ले लेके फिर सारे पडोसी हाथ सकेंगे
कुछ इस अन्दाज़ से रौशन हमारा घर यहां होगा ।
उक़ाब एक दूसरी तक़्सीम की करते हैं तैयारी
बशर का धड़ वहाँ होगा अगरचे सर यहाँ होगा ।
न देखो सिर्फ़ थैली उसका मोटा पेट भी देखो
ये मत भूलो वो अपने पेट की ख़ातिर यहाँ होगा ।
मियाँ मर्दुमकुशी का ज़िक्र होगा फ़ेले--जायज़ में
यक़ीनन अब तो क़त्ले-आम का माहिर यहाँ होगा ।
संभल पाओ तो संभलो हिन्दवालो वरना ये समझो
जो दुनिया में न हो पाया है वो आख़िर यहाँ होगा ।।