भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
नए पत्ते / राजा खुगशाल
Kavita Kosh से
फिर नए पत्ते आए हैं पेड़ों पर
नए पत्ते
इस साल भी कुछ पत्ते-पत्तल
कुछ पत्ते दोने बन जाएँगे
कुछ पत्ते
यों ही उड़ते रहेंगे हवा में
नए पत्ते आने तक ।