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नए साल पर/ सजीव सारथी
Kavita Kosh से
जाते हुए साल की,
बस चंद सांसें बाकी है,
आने वाला एक नया साल,
पूरी कायनात को,
अपनी आगोश में समेटने के लिए,
तैयार है
गुजरती हुई सदियों के दौर,
और सितारों के बदलते ठिकाने,
किसी मोड पर जाकर थामे तो,
मैं कुछ पल लेट लूँगा,
चैन से सो लूँगा....