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नक़्श-ए-नाज़-ए-बुत-ए-तन्नाज़ ब-आग़ोश-ए-रक़ीब / ग़ालिब

नक़्श-ए-नाज़-ए-बुत-ए-तन्नाज़ ब-आग़ोश-ए-रक़ीब
पा-ए-ताऊस प-ए-ख़ामा-ए-मानी माँगे

तू वो बद-ख़ू कि तहय्युर को तमाशा जाने
ग़म वो अफ़्साना कि आशुफ़्ता-बयानी माँगे

वो तब-ए-इश्‍क़ तमन्ना है कि फिर सूरत-ए-शम्अ
शोला ता-नब्ज़-ए-जिगर रेशा-दवानी माँगे