नज़र में भरी यूँ खुमारी लगे
बिना नींद ही शब गुज़ारी लगे
मेरे सर लगें सब बलायें तेरी
उमर यार तुझको हमारी लगे
तुझे सौंप दी जिंदगी साँवरे
हमे तेरी मूरत भी प्यारी लगे
न मिलता कभी चैन आठो पहर
भरी जीस्त में बेक़रारी लगे
नहीं चैन पाता कोई इश्क़ में
किसी को न अब ये बिमारी लगे
मिली हो ज़माने की दौलत मगर
तेरे दर पे हर इक भिखारी लगे
तेरे नाम में श्याम लज़्ज़त बड़ी
तुझे अब भुलाना ही भारी लगे
बड़े खूबसूरत नजारे यहाँ
ये दुनियाँ तेरी ही सँवारी लगे
तेरी आरजू जुस्तजू भी तेरी
तेरे बिन ये जीवन उधारी लगे