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नदिया किनारे गौरी ठार रे, फूल द दे मलिनिया / मैथिली
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♦ रचनाकार: अज्ञात
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नदिया किनारे गौरी ठार रे, फूल द दे मलिनिया
गिरिजा पुजन हम जाएब रे, फूल द दे मलिनिया
कथि मे लोडब बेली चमेली, कथि मे लोडब गुलाब गे, फूल द दे मलिनिया
साजी मे लोडब बेली चमेली, खोइँचा मे लोडब गुलाब गे, फूल द दे मलिनिया
नदिया किनारे गौरी ठार रे...
किनका चढायब बेली चमेली, किनका चढायब गुलाब गे, फूल द दे मलिनिया
नदिया किनारे गौरी ठार रे...
किनका सँ मागँब अनधन सम्पैत ,किनका सँ मागँब सोहाग गे ,फूल द दे मलिनिया
नदिया किनारे गौरी ठार रे...
लक्ष्मी सँ मागँब अन्धन सम्पैत गौरी सँ मागँब सोहग गे, फूल द दे मलिनिया
नदिया किनारे गौरी ठार रे...