भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
नदी जो हूँ / नवनीत पाण्डे
Kavita Kosh से
हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।
कैसे बचा पाती भला
अपना मीठापन
समन्दर में मिल
खारा होना
पहले से ही तय था
नदी जो ठहरी...