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ननिहर/ अमरेन्द्र

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नानी-दादी बूढ़ी दू,
घी में छाँकलोॅ पूड़ी दू ।
नान्हौं-दादा की छै कम,
घी में छाँकलोॅ आलूदम ।
मौसी-मौसा खीर मेॅ रतुआ,
मामा जीµ जंडा के सतुआ ।
हमरा जे देलकै एक चटकन,
नाना सेॅ खैलकै दू पटकन ।