भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
नन्द ते भाबो रल मिल बेठियाँ ते / पंजाबी
Kavita Kosh से
♦ रचनाकार: अज्ञात
भारत के लोकगीत
- अंगिका लोकगीत
- अवधी लोकगीत
- कन्नौजी लोकगीत
- कश्मीरी लोकगीत
- कोरकू लोकगीत
- कुमाँऊनी लोकगीत
- खड़ी बोली लोकगीत
- गढ़वाली लोकगीत
- गुजराती लोकगीत
- गोंड लोकगीत
- छत्तीसगढ़ी लोकगीत
- निमाड़ी लोकगीत
- पंजाबी लोकगीत
- पँवारी लोकगीत
- बघेली लोकगीत
- बाँगरू लोकगीत
- बांग्ला लोकगीत
- बुन्देली लोकगीत
- बैगा लोकगीत
- ब्रजभाषा लोकगीत
- भदावरी लोकगीत
- भील लोकगीत
- भोजपुरी लोकगीत
- मगही लोकगीत
- मराठी लोकगीत
- माड़िया लोकगीत
- मालवी लोकगीत
- मैथिली लोकगीत
- राजस्थानी लोकगीत
- संथाली लोकगीत
- संस्कृत लोकगीत
- हरियाणवी लोकगीत
- हिन्दी लोकगीत
- हिमाचली लोकगीत
नन्द/भाभी की रुस मनाहट
नन्द ते भाबो रल मिल बेठियाँ ते
करदियाँ कोल कलाप
जे मेरे घर लड़का होया नी नणदे देसा में फुलजडियाँ
वीरन दे घर लड़का जे होया
लोक वदइयां दे
लोक वदायियाँ लै जे बैठे वे राजे
भैण वदायियाँ दे
भैण वदायियाँ नहीं जे लैंदी वे लोको
मंगदीये फुलजडियाँ
फुलजडियाँ वडे शावां दे घर नी भैणे
साडे नहीं फुलजडियाँ
ओ गई ओ गई रुस वे गई ए भैणा
ओ गई ए अटकों पार
वीरन ने फुलजडियाँ दित्तियां वे लोको
आन्दिसू भैण मना