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नन्ही सी जान ज़िंदगी में प्यार किया जाये / मोती बी.ए.
Kavita Kosh से
नन्ही सी जान में है जवानी का सितम क्यूँ
रग रग में नशा और नशे में है दर्द क्यूँ
ये इस लिये के ज़िंदगी में प्यार किया जाये
दो चार दिन है प्यार से गुज़ार दिया जाये
हाँ दो दिल जब एक होते हैं तब दो बने हैं क्यूँ
मिलने की तमन्ना है मगर मिलते नहीं हैं क्यूँ
ये इस लिये के दिल पे दिल निसार किया जाये
दो चार दिन है प्यार से गुज़ार दिया जाये
हाँ आँखों से आँख मिल गई फिर भी न चैन क्यूँ
हाँ पहचान हो गई मगर बेबसी है क्यूँ
ये इस लिये के इश्क़ का इज़हार किया जाये
दो चार दिन है प्यार से गुज़ार दिया जाये
हाँ इन मस्त निगाहों में परेशानियाँ हैं क्यूँ
बेताब दो दिलों में यूँ जवानियाँ हैं क्यूँ
ये इस लिये के अब ना इंतज़ार किया जाये
दो चार दिन है प्यार से गुज़ार दिया जाये