नन्हें मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है / शैलेन्द्र
नन्हें-मुन्ने बच्चे ! तेरी मुट्ठी में क्या है ?
मुट्ठी में है तक़दीर हमारी
हमने किस्मत को वश में किया है !
भोली-भाली मतवाली आँखों में क्या है ?
आँखों में झूमे उम्मीदों की दीवाली
आने वाली दुनिया का सपना सजा है !
भीख में जो मोती मिलें, लोगे या न लोगे ?
ज़िन्दगी के आँसुओं का बोलो क्या करोगे ?
भीख में जो मोती मिलें तो भी हम न लेंगे
ज़िन्दगी के आंसुओं की माला पहिनेंगे
मुश्किलों से लड़ते-भिड़ते जीने में मज़ा है !
हमसे न छिपाओ, बच्चों ! हमें तो बताओ
आने वाली दुनिया कैसी होगी समझाओ ?
आने वाली दुनिया में सबके सर पे ताज होगा
न भूखों की भीड़ होगी, न दुखों का राज होगा
बदलेगा ज़माना, ये सितारों पे लिखा है !
नन्हें-मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है ?
मुट्ठी में है तकदीर हमारी
हमने किस्मत को वश में किया है !