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नन्हे बच्चे / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
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सूरज मुझको लगता प्यारा
लेकर आता है उजियारा ।
सूरज से भी लगते प्यारे
टिम-टिम करते नन्हे तारे।
तारों से भी प्यारा अम्बर
बाँटे खुशियाँ झोली भर-भर।
चन्दा अम्बर से भी प्यारा
गोरा- चिट्टा और दुलारा ।
चन्दा से भी प्यारी धरती
जिस पर नदियाँ कल-कल करती ।
पेड़ों की हरियाली ओढ़े
हम सबके है मन को हरती ।
हँसी दूध -सी जोश नदी -सा
भोले मुखड़े मन के सच्चे ।
धरती से भी प्यारे लगते
खिल-खिल करते नन्हे बच्चे
इन बच्चों में राम बसे हैं
ये ही अपने किशन कन्हाई ।
इन बच्चों में काबा-काशी
और नहीं है तीरथ है भाई ।