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नमन / पद्मजा बाजपेयी

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नमन है उस ईश को, जिसने मुझे मानव बनाया।
श्रेष्ठता का मान देकर, मुझे धरती पर उतारा।
नमन है उस ईश को...
प्रेम की लोरी मिली, माता तुम्हारी छांव में,
ज्ञान के पट बंद खोले, गुरुवर की पैनी दृष्टि ने।
नमन है उस ईश को...
कर्तव्य की वेदी मिली, संसार के अनुबद्ध से,
विश्वास का सागर मिला सत्य के सत्मार्ग पर।
नमन है उस ईश को ...

जा मिलूँ निज रूप में, इस प्राण को मुक्त्ति दिला दूँ,
व्याप्त है, सर्वत्र ही, ज्योति में ज्योति मिला दूँ।
नमन है उस ईश को...