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नमामि अम्ब भारती / सुरेश कुमार शुक्ल 'संदेश'

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नमामि अम्ब भारती!
हिमाद्रि उच्च भाल है,
सुकण्ठ विन्ध्य माल है
सघोश किंकणी बना
समुद्र रत्न-जाल है।
प्रफुल्ल तारकालि नित्य आरती उतारती
नमामि अम्ब भारती!
निशान्त शान्त रूपणी,
उषाप्रभा स्वरूपणी,
प्रणम्य रम्य छवि छटा,
ममत्व तत्व धारिणी।
प्रभात पन्थ मन्द मन्द वायु है बुहारती
नमामि अम्ब भारती!
अखंड राष्ट्र अक्षरे!
सुसाम गान सस्वरे!
प्रचण्ड शक्ति वर्धिनी
नमामि हे वसुन्धरे!
विनम्र ज्योति ज्ञान की उभारती प्रसारती।
नमामि अम्ब भारती!
सुरापगा समुज्ज्वला,
सुकीर्ति पुण्य सत्फला,
अमाप पाप ध्वंसिनी
उदार रम्य निर्मला,
रजत लहर लहर मनोज्ञ छवि सँवारती।
नमामि अम्ब भारती!