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नया जीवन जीने से पहले / शलभ श्रीराम सिंह
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रिसते नासूरों से
गिरते मवाद को
धोने के पूर्व
गली उँगलियों वाली
अनगिन हथेलियाँ
सिर पर फिरती हैं !
यह
नया जीवन
जीने से पहले
मैं स्वयं के प्रति नतमस्तक हूँ !
(1962)