भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

नया शहर कलकत्ता हो राजा, जहाँ बिराजे महाकाली / मैथिली लोकगीत

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

नया शहर कलकत्ता हो राजा, जहाँ बिराजे महाकाली
केओ चढ़ाबे माँ के अक्षत चानन, माँ हे केओ चढ़ाबे फुलहारी
सेवक चढ़ाबे माँ के अक्षत चानन, माँ हे माली चढ़ाबे फुलहारी
केओ चढ़ाबे माँ के करिया छागर, माँ हे केओ चढ़ाबे फुलहारी
सेवक चढ़ाबे माँ के करिया छागर, माँ हे मालिन चढ़ाबे फुलहारी
नया शहर कलकत्ता हो राजा, जहाँ बिराजे महाकाली