बायीं बाँह की गोद में
अपने नवजात शिशु को लेकर
खुश है वह नवजात नीग्रो माँ.
अपनी ही देह का जादू
देख रही है - हथेलियों में
अपनी ही देह के
खिले फूल से
खेल रही है वह.
रह-रह कर सूँघती है
अपना ही जाया नवजात शिशु
जैसे वह हो कोई
उसकी देह-धरती का कोई अनोखा पुष्प
जीवित और जीवंत
उसके मृत्यु पर्यन्त
खिला रहेगा
बढ़ता और महकता रहेगा
अपनी माँ को खुश करने के लिए.