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नशे में है अब समय / केदारनाथ अग्रवाल
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समय को
मैंने
समय ने मुझे
जिया
समय ने
शराब
और
मैंने
पानी
पिया
नशे में है
अब समय
और
रोता
हूँ
मैं
रचनाकाल: २५-०८-१९६७