भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
नसीहत हमारी हिदायत नहीं है / सुजीत कुमार 'पप्पू'
Kavita Kosh से
नसीहत हमारी हिदायत नहीं है,
मुझे उनसे कोई शिकायत नहीं है।
गिला बस यही है कि चाहा उन्हीं को,
मुहब्बत हमारी किफ़ायत नहीं है।
पैमाने-वफ़ा ने दिया है भुलावा,
नासमझी हमारी निहायत नहीं है।
जफ़ा ही मिला है वफ़ा के सिला में,
फ़क़त ये हक़ीक़त हिकायत नहीं है।
मुहब्बत के बदले मुहब्बत जताना,
रवायत यही है इनायत नहीं है।