नहीं आया जहाँ कोई नृत्य करने,
वहाँ आओ काल की गहराइयों में
मुक्त होकर प्यार करने ।
नहीं आया जहाँ कोई दीप धरने
वहाँ आओ मौन तम की घाटियों में
ज्योति की झंकार भरने ।
नहीं आया जहाँ कोई नृत्य करने,
वहाँ आओ काल की गहराइयों में
मुक्त होकर प्यार करने ।
नहीं आया जहाँ कोई दीप धरने
वहाँ आओ मौन तम की घाटियों में
ज्योति की झंकार भरने ।