उतरने को आया अषाढ़
नहीं तो आया अब तक मेघ
नहीं तो आए अब तक अनमोल बरसते मोती
नहीं तो आई जाम ढरकाती सुराही
आज भी दिन गया सूखा-सूखा
आसमान को सूखा देखते
रचनाकाल: ३०-०६-१९६१
उतरने को आया अषाढ़
नहीं तो आया अब तक मेघ
नहीं तो आए अब तक अनमोल बरसते मोती
नहीं तो आई जाम ढरकाती सुराही
आज भी दिन गया सूखा-सूखा
आसमान को सूखा देखते
रचनाकाल: ३०-०६-१९६१