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नाँव मंत्री के अब रटींला हम / बेढब बनारसी
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नाँव जेकर बहुत जपींला हम
ऊ त गुमनाम हौ सुनींला हम
शिव क, दुर्गा क पाठ का होई
नाँव मंत्री क अब रटींला हम
जब से देखलीं ह रंग हम ओनकर
मन ओही रंग में रँगींला हम
छ रुपइया किलो मलाई हौ
नाम खाली रटल करींला हम
घिव क नाहीं मिलत जलेबा हौ
चाह ओनके बदे धरींला हम
तू त भइलऽ सिमेंट क बोरिया
इंतजारी में नित मरींला हम
अस फँसउलन कि का कहीं भयवा
ऊ चरावेलँऽ आ चरींला हम
तू लड़ाई में पार का पइबऽ
राजनीतिक समर लड़ीला हम
लोग हम्मे कहेलन 'बेढब' हौ
बात ढब के मगर कहींला हम