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नाकामी / श्रीरंग
Kavita Kosh से
एक पत्रकार
गया बीहड़ों में
सीमा पार
ली फोटो
बनायी बीडियो फिल्म ......
पी उनके साथ चाय
मग्घे में
लकड़ी के कुन्दे पर बैठकर
खाया आधा तीतर अधपका
बात की
उस बड़ी-बड़ी मूँछों वाले
आतंकवादियों के सरगना से
वह देख आया सब कुछ और ले आया
तस्वीरे भी
पर नहीं देख पायी सरकार
नहीं देख पाये गुप्तचर
नहीं देख पाये सैनिक सिपाही
एक पत्रकार
आता जाता रहा
आतंकवादियों के कैम्प में
पर नहीं जा पाये वहाँ सैनिकों के दस्ते ...।