नाचा गमत रहस लीला तक
धीरे धीरे नदाथें!
सधे मजे कइ कलाकार ल
लोगन घलव भुलाथें!
चैन चिकरहा तुला तबलहा
रघ्घु जइसन रागी!
परी प्रेम जोधन कस जोकर
मसलहा बैरागी!
गिरिवर के नाचब ल अभो
गली-गली गोठियावत हें!
पुतरी अउ ओ रहस लीला के
दिन जानव दुरिहागंय!
टी व्ही विडियो फिल्मी एलबम
ठौर म इंकर समागंय!
ब्रहा,बिसनू,पारबती,शिव,
संग राधा गिरधारी!
बिसर के चारो धाम करावत
हें सिरियल म चारी!
भेख बदलगे देश बदलगे
बपुरा करम ठठावत हें!
हाथी आतंकी कस लागंय
भीम ह नसल वादी!
धरे तंबूरा नारद लागय
डोकरी संग फरियादी!
गाय बछरूवा अउ जनता के
गइया गति होवत हे!
अहिरा कस सरकार कलेचुप
मुड़ धर के रोवत हें!
चतुरा चमरू चिकरहा संग
रामू राग मिलावत हे!
चरकोसी ले रहस लीला के
आरो तइहा जावय!
गाड़ा गाड़ी भर भर लइका –
-पिचका धर धर आवंय!
नवछटहा अलबेला टूरा
अउ मलमलही टूरी!
पान चबावंय मुंह रचावंय
पहिरंय रंग-रंग चूरी!
सुरता के गंगा म डुबकी
देखनहार लगावत हें!
बीच बीच म सूत्रधार जब
किसन कथा समझावय!
सरधा ले सुनय जुरमिल के
जयकारा बोलवावंय!
रहय मनौती जेकर ओ
नाचा गमत करवावंय!
मेला मड़ई अउ पाबन कस
सब अतमा जुरियावंय!
लरा-जरा के खातिर अब तो
असली ल तिरियावत हें!
बिन मतलब के अब चतुरा जब
देव दनुज नइ लेखंय!
फेर मसाल म आँखी फोरत
सरी रात का देखंय!
सुवा ददरिया करमा भोजली
बर बिहाब अउ पंथी!
बांस गीत भरथरी अउ आल्हा
गावत कोड़ंय खंती!
एलबम रेडियो टी.व्ही. टेप म
अब तो मन बहलावत हें!