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नाची रे नाचौ ना / श्रीस्नेही
Kavita Kosh से
खेत सोना उगैवै झूमी रे झूमी ना!
धान गरमा लगैवै नाची रे नाची ना!!
आई.आर. रत्ना ओ टैचुन नगीना!
जाया पै जगमग भारत के सपना!!
झूमी रे झूमी ना...
हाथे-हाथ काम लेबै खेतेेॅ-खेत पानी!
रसिया तनिकेॅ रोपैतै जा पानी!!
गाबी रे गाबी ना...
गाँव के गरीबी मेहनत के चोरी!
कसिलेॅ कमर हे हो खेत के पुजारी!!
जूमी रे जूमी ना...