नाचे यशोदा के अंगना में शिशु गोपाल।
चरणन में मधूर धुन बाजे झाँझन ताल।।
अधीर भय धीर पवन काँपन लगे थिर गगन,
अरुण-अनुराग से भय नभो-लोचन लाल।।
नाचत महाकाल मेघ कि जटाजुट खोले
बावरी ध्वान भोले त्रिलोक ब्रह्मा ध्यान भोले!
बहे उजान यमुनाबारी नाचन लागी बृज-कुमारी
नाचे इन्द्र, चन्द्र, रवि बनके गोवाल।।