भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
नाजोगा / मधु आचार्य 'आशावादी'
Kavita Kosh से
खाली बातां ई बातां
हाका ई हाका
किणी काम री नीं
सोचण मांय काठा
चालण मांय माठा
लखणां रा लाडा
कूड़ रा गाडा
ना दीन, ना ईमान
पण नीं कैवावै बेईमान
बातां रा जाळ
लोगां खातर जंजाळ
हवा मांय उडता दीसै
नीं आवै हाथ
माथै सूं सपमपाट
जणै इज तो बडा कैवावै
लोग अैड़ा नाजोगां नै इज
नेता बणावै।