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नानी(1) / दीनदयाल शर्मा
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पोथ्यां में नानी
का‘न्यां सुणावै
पण म्हारी नानी रात नै
बोलबाली सुय जावै
अनुवाद :- श्रीमती राजेश्वरी पारीक " मीना "