Last modified on 6 जनवरी 2011, at 15:57

नानी(1) / दीनदयाल शर्मा


पोथ्यां में नानी
का‘न्यां सुणावै
पण म्हारी नानी रात नै
बोलबाली सुय जावै

अनुवाद :- श्रीमती राजेश्वरी पारीक " मीना "