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नानी / बालस्वरूप राही
Kavita Kosh से
गर्मी की छुट्टियाँ मनाने,
नानी के घर पलटन आई।
धननु, मन्नू, तननु, कन्नु,
चिंकी, पिनकी बहनें भाई।
कोई माँगे गरम पकौड़े,
कोई माँगे दूध-मलाई।
माँगे पूरी करते-करते,
नानी बन बैठी हलवाई।