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नापाक इरादे से कश्मीर में आया है / ईश्वरदत्त अंजुम
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नापाक इरादे से कश्मीर में आया है
ऐ पाक तबाही का सर पर तिरे साया है
कश्मीर हड़प लेना जब बस में नहीं तेरे
क्यों अम्न की वादी में कुहराम मचाया है
है पाक इरादा तो पाकीज़ा बना दिल को
क्यों बुगजो-कुदूरत को तूने अपनाया है
ये राहे-तशदुद कि रस्ता है तबाही का
इस बात क्यों अब तू जान न पाया है
एटम की लड़ाई में तू जीत में पायेगा
पहले भी तुझे हम ने हर बार हराया है
शेवा है शराफ़त का तू सबसे बड़ा उल्फ़त
क्यों आग के शोलों को तू ने भड़काया है
है मशवरा अंजुम का रह दूर शरारत से
इस राह चला जो भी कुछ हाथ न आया है