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नाम पहुंचे उनके, जो खिलाफ़ हैं / सांवर दइया

नाम पहुंचे उनके, जो खिलाफ़ हैं।
याद रखिये, उनमें एक आप हैं।

आपके कहने से कौन मानेगा,
आपका चलन नेक और साफ़ है।

आप बेक़सूर साबित नहीं उनसे,
जिनमें दूसरों के दामन दाग़ है।

यह वारदात आपके नाम होगी,
जहां खडे हैं आप, वहां आग है।

छूटना है तो और को फंसाओ,
यहां का सदा से यही हिसाब है।