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नारंगी के सूखे पेड़ का गीत / फ़ेदेरिको गार्सिया लोर्का
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लकड़हारे
मेरी छाया काट
मुझे ख़ुद को फलहीन देखने की यंत्रणा से
मुक्त कर !
मैं दर्पणों से घिरा हुआ क्यों पैदा हुआ ?
दिन मेरी परिक्रमा करता है
और रात अपने हर सितारे में
मेरा अक्स फिर बनाती है
मैं ख़ुद को देखे बग़ैर ज़िन्दा रहना चाहता हूँ
और सपना देखूंगा
कि चींटियाँ और गिद्ध मेरी पत्तियाँ और चिड़ियाँ हैं
लकड़हारे
मेरी छाया काट
मुझे ख़ुद को फलहीन देखने की यंत्रणा से
मुक्त कर !
अंग्रेज़ी से अनुवाद : विष्णु खरे