नारायणस्तोत्रम् / मच्छंकराचार्य
नारायण नारायण जय गोविन्द हरे ॥
नारायण नारायण जय गोपाल हरे ॥ ध्रु ॥
करुणापारावार वरुणालयगम्भीर ॥ नारायण ॥ १॥
घननीरदसङ्काश कृतकलिकल्मषनाश ॥ नारायण ॥ २॥
यमुनातीरविहार धृतकौस्तुभमणिहार ॥ नारायण ॥ ३॥
पीताम्बरपरिधान सुरकल्याणनिधान ॥ नारायण ॥ ४॥
मञ्जुलगुञ्जाभूष मायामानुषवेष ॥ नारायण ॥ ५॥
राधाधरमधुरसिक रजनीकरकुलतिलक ॥ नारायण ॥ ६॥
मुरलीगानविनोद वेदस्तुतभूपाद ॥ नारायण ॥ ७॥
बर्हिनिबर्हापीड नटनाटकफणिक्रीड ॥ नारायण ॥ ८॥
वारिजभूषाभरण राजिवरुक्मिणीरमण ॥ नारायण ॥ ९॥
जलरुहदलनिभनेत्र जगदारम्भकसूत्र ॥ नारायण ॥ १०॥
पातकरजनीसंहर करुणालय मामुद्धर ॥ नारायण ॥ ११॥
अघबकक्षयकंसारे केशव कृष्ण मुरारे ॥ नारायण ॥ १२॥
हाटकनिभपीताम्बर अभयं कुरु मे मावर ॥ नारायण ॥ १३॥
दशरथराजकुमार दानवमदसंहार ॥ नारायण ॥ १४॥
गोवर्धनगिरिरमण गोपीमानसहरण ॥ नारायण ॥ १५॥
शरयूतीरविहार सज्जनऋषिमन्दार ॥ नारायण ॥ १६॥
विश्वामित्रमखत्र विविधपरासुचरित्र ॥ नारायण ॥ १७॥
ध्वजवज्राङ्कुशपाद धरणीसुतसहमोद ॥ नारायण ॥ १८॥
जनकसुताप्रतिपाल जय जय संसृतिलील ॥ नारायण ॥ १९॥
दशरथवाग्धृतिभार दण्डकवनसञ्चार ॥ नारायण ॥ २०॥
मुष्टिकचाणूरसंहार मुनिमानसविहार ॥ नारायण ॥ २१॥
वालिविनिग्रहशौर्य वरसुग्रीवहितार्य ॥ नारायण ॥ २२॥
मां मुरलीकर धीवर पालय पालय श्रीधर ॥ नारायण ॥ २३॥
जलनिधिबन्धनधीर रावणकण्ठविदार ॥ नारायण ॥ २४॥
ताटीमददलनाढ्य नटगुणविविधधनाढ्य ॥ नारायण ॥ २५॥
गौतमपत्नीपूजन करुणाघनावलोकन ॥ नारायण ॥ २६॥
सम्भ्रमसीताहार साकेतपुरविहार ॥ नारायण ॥ २७॥
अचलोद्धृतिचञ्चत्कर भक्तानुग्रहतत्पर ॥ नारायण ॥ २८॥
नैगमगानविनोद रक्षःसुतप्रह्लाद ॥ नारायण ॥ २९॥
भारतीयतिवरशङ्कर नामामृतमखिलान्तर ॥ नारायण ॥ ३०॥
। इति श्रीमच्छङ्कराचार्यविरचितं नारायणस्तोत्रं सम्पूर्णम् ।