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निकटता / शशि सहगल
Kavita Kosh से
खड़े रहे हम दोनों
पास-पास
होती रही बरसात
तेज़ मूसलाधार।
जामुन का पेड़
रस-भरे जामुन
भरते रहे हमारा मन।
खड़े हैं हम दोनों
पास, बहुत पास
हो रही है बरसात
ध्यान में हैं
बच्चे, राशन और
पूजा का सामान।