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निकष / महेन्द्र भटनागर
Kavita Kosh से
किसी मधु-गन्धिका के
प्यार की ऊष्मा-किरण
मुझको
छुए तो --
मोम हूँ !
किसी मुग्धा
चकोरी के
अबोध
अधीर
भटके
दो नयन
मुझ पर
पड़ें तो --
सोम हूँ !