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निमत / कन्हैया लाल सेठिया
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बगत
सिकन्दर
बगत
पोरस
न कोई जीत्यो
न कोई हार्यो
बै तो हा
दो संसकिरत्यां रै
मिलण रा
निमत
जुद्ध‘र रमत
सारीसी दोन्यां री गत !