संदेहों का धूम भरा
साँसें
कैसे ली जायँ!
अधरों में
विष तीव्र घुला
मधुरस
कैसे पीया जाय!
पछतावे का ज्वार उठा
जब उर में
कोमल शय्या पर
कैसे सोया जाय!
बंजर धरती की
कँकरीली मिट्टी पर
नूतन जीवन
कैसे बोया जाय!
संदेहों का धूम भरा
साँसें
कैसे ली जायँ!
अधरों में
विष तीव्र घुला
मधुरस
कैसे पीया जाय!
पछतावे का ज्वार उठा
जब उर में
कोमल शय्या पर
कैसे सोया जाय!
बंजर धरती की
कँकरीली मिट्टी पर
नूतन जीवन
कैसे बोया जाय!