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निरखतौ रैयो / गौरीशंकर
Kavita Kosh से
थारै चैरे री मुळक नै
सांची
मुळक रै तांण
जीयो जा सकै।
ज्यूं जीया हा
म्है
आपरी मुळक रै तांण
बस
आप मुळकता रैवो
अर म्है जींवतां रैवां
आपरी मुळक रै तांण।